Green Skill Development Program on Waste Management at Sulabh

 

पर्यावरण मंत्रालय ने बोया था ये GSDP का बीज |

ENVIS केन्द्रों ने दिया अपने कर्मों से इसको सींच ||

सुलभ केन्द्र ने उठाया अप्शिष्ट प्रबंधन का भार |

क्योंकि सुलभ अन्तर्राष्ट्रीय के पास ही तो है इसका सार ||

 

सुलभ केंद्र के प्रशिक्षुओं ने भी माना GSDP को एक सफल प्रयास |

और खींचे चले आये दूर-दराज़ से लेकर मन में आस ||

दिल्ली की सर्दी में भी नही मानी हार |

आना-जाना और सीखना-सिखाना रखा बरकरार ||

 

सुलभ की प्रार्थनागार को देख मन की अभिलाषा थी जागी |

प्रांगण के संस्थापक जी के अनुपम प्रकाश को देख हो गए अनुरागी ||

कार्यक्रम के आयोजक और मार्गदर्शक मंडल के सुख सानिध्य में |

ज्ञान को पाया और दीप जलाया मन मंदिर में ||

 

अप्शिष्ट प्रबंधन की शिक्षण श्रंखला में था जाना |

की अब न चलेगा देशवासियों का बर्ताव जो था मनमाना ||

कैसे हम करें इस देश में व्याप्त गंदगी का निदान |

सुलभ केंद्र इसके माध्यम से दे रहा था समाधान ||

 

इस अप्शिष्ट में भी है जो छुपा हुआ, जिसका कुछ आ जाता काम |

उसे अलग कर रखे तो सफाई वाला देता उसका दाम ||

सफाई वालों का काम करना है सबको आसान |

ताकि हो उसके भी कार्य की गरिमा और हो उसका सम्मान ||

 

ई- अप्शिष्ट निकलता है जब हो जाता है टीवी, कंप्यूटर और मोबाइल खराब |

इनका पुर्जा-पुर्जा भी बना सकता है किसी गरीब को नवाब ||

जैव चिकित्सकीय कचरा भी होता है बीमारी का कारण |

फैलता है संक्रमण यदि न हो इसका ठीक से निवारण ||

 

प्लास्टिक तो है एक जरुरत पर है ये कचरे का आभूषण |

जिसके गलत उपयोग से बढ़ रहा है इसका प्रदुषण ||

प्लास्टिक के है अनेक स्वरुप जिसमे से है एक पॉलिथीन |

कोसते है इसे वो लोग जो थे पहले थैले के शौकीन ||

 

अप्शिष्ट प्रबंधन के जो नियम 2016 में आये थे |

संयुक्त राष्ट्र ने भी जिसके लिए भारत के गुणगान गाये थे ||
उसका पाठ पढ़ाकर सुलभ केंद्र ने भी ये जन-अभियान फैलाया है |

प्लास्टिक कचरे का पुनःचक्रण और सही उपयोग सिखलाया है ||

निर्माण और विध्वंस भी कचरे का बड़ा श्रोत |

दिल्ली जैसे महानगरों में जिसने हाहाकार मचाया है ||

डॉ एन बी मजूमदार जी ने इस पर किया है बड़ा शोध |

और उन्होंने सुलभ केंद्र में इसके नियमों को सिखलाया है ||

 

अप्शिष्ट से ऊर्जा का एक बड़ा प्लांट रामकी ने बवाना में बनया है |

सुलभ केंद्र के आयोजकों ने इसका दुर्लभ दर्शन करवाया है ||

शास्त्री पार्क के ई-वेस्ट प्रबंधन को भी जाना और समझा है |

राम मनोहर लोहिया के डॉक्टरों ने जैव अप्शिष्ट प्रबंधन भी समझाया है ||

 

सुलभ केंद्र की संयोजिका डॉ नमिता जी की आशीष और प्यार से |

कवलीन, दीपिका, तन्वी, नेहा और पूनम की प्रतिभा संजीव हो उठी ||

पंकज, चन्दन, अलोक, प्रवीण और रूपेंद्र को झा सर, मनोज जी, विक्की जी और डॉ संतोष के उदगार से |

अप्शिष्ट प्रबंधन में कार्य करने की अनिरुद्ध अमित अभिलाषा जाग उठी ||

 

 

 

`                             रचनाकार : विकास कमल